बात पिछली गर्मियों की है, जब दोपहर को खाना खाने के बाद में आराम कर रहा था कि दरवाजे की घंटी बजी , देखा तो वहा एक सेल्समन खड़ा था | 44 c तापमान व दम तोड़ देने वाली गर्मी में उसने टाई पहनी हुई थी, वो भी गले से एकदम सटाकर बंद की हुई थी | पूछने पर उसने बताया कि उनकी कंपनी का आदेश है कि हर कर्मचारी टाई पहनेगा क्योकि ये उनकी कंपनी कि शान कि सूचक है | कंपनी का कहना है कि लोग टाई देखकर अधिक प्रभावित होते है |
यदि आप को ज्ञात हो तो , पश्चिमी देशो में सर्दी अधिक होने के कारण वहां टाई पहनने का प्रचलन है | यदि टाई गले तक सटाकर बंद की हो, तो ठंडी हवा गले तक नहीं पहुँच पाती| संक्षेप में, टाई पहनने का उदेश्य ठण्ड से बचाव है | परन्तु भारत में ये टाई आजकल "status symbol " बन गयी है | उस वेशभूषा का क्या लाभ , जिसमे आप स्वयं को सहज ही महसूस ना कर रहे हो |
उपरोक्त वाक्य पर मेरी कविता के रूप में प्रस्तुति :
आधुनिक होने की होड़ में,
ये कैसी हवा है आई ,
आज आदमी की क़ाबलियत ,
बताती है उसकी टाई |
पश्चिमी परिधानों के बहकावे में,
सब आँखे मूंद लगे है भागने,
अब तो सिर्फ सोने के काम आते है,
भारतीय संस्कृति के परिचायक कुर्ते और पायजामे |
सुना तो था, आज साबित भी हो गया,
ये भेडचाल कैसे हुई,
इंसान सोचना समझना ही भूल गया |
कभी सर्दी से बचने के लिए,
गले तक बंद की जाती थी ,
आज भारत की तपती गर्मी में भी,
झूठी शान दिखाने के काम आती है ये टाई |
कभी अफसर वर्ग का परिधान रही ,
आज स्वयं को ही कोस रही ,
भले ही समाज ने तरक्की बहुत करी,
पर बेचारी टाई अफसर वर्ग से शुरू होकर,
निम्न वर्ग तक आ गिरी |
अंत में यही कहना चाहता हूँ
पहरावे से ना आंको व्यक्ति का ज्ञान,
चमकता सोना नही कर सकता लोहे का काम,
पहचानना है तो सदगुणों को पहचानो,
क्योंकि केवल वेशभूषा नही बनाती किसी को महान |
-------------डिम्पल शर्मा ----------------
vry nyc dimple...gud 1
ReplyDeletekavita---
bahut achaa likh rha hai yar, bas laga reh.......
ReplyDeleteरचना अच्छी लगी।
ReplyDeleteBahut badhiya Dimple Ji...
ReplyDeletevry nyc dimple.. gud going.. keep it up.... :)
ReplyDelete- @ Shimpy Malhotra
Very nice post......
ReplyDeleteThat is an extremely smart written article. I will be sure to bookmark it and return to learn extra of your useful information. Thank you for the post. I will certainly return.
ReplyDeleteThank a lot, I have stopped writting from last 12 years because life was teaching me lessons as hard master and I was following it like an obedient disciple
DeleteBlogging is that the new poetry. I notice it terrific and wonderful in some ways.
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